The Basic Principles Of shiv chalisa in hindi
The Basic Principles Of shiv chalisa in hindi
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वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥
Shiv Chalisa can be a “forty verse” prayer which praises the Lord and asks for his help in eradicating hardships and hurdles in devotee’s daily life.
The mom hen Maina dreams his passion, His left aspect adorns an enchanting form. He retains a trident in his hand, a symbol of electric power, Always destroying the enemies.
Whosoever features incense, prasad and performs arti to Lord Shiva, with like and devotion, enjoys substance pleasure and spiritual bliss With this planet and hereafter ascends to the abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva eradicated the struggling of all and grants them eternal bliss.
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। shiv chalisa lyricsl क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते हैं।
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
In situations including these where life has grown to be so rapid that we barely obtain time to pray, Shiva Chalisa comes like a blessing for all of us.